4.रेखांकित पदों का व्याकरणिक परिचय दीजिए :-
(क) भारत माता की जय हो।
(ग) आज का काम हो चुका।
(ख) मैं प्रतिदिन सैर करता हूँ।
(घ) मोटे लोग आलसी होते हैं।
Answers
Answer:
1. भारत में भारतमाता के बहुत से मन्दिर हैं। काशी का भारतमाता मन्दिर अत्यन्त प्रसिद्ध है जिसका उद्घाटन सन् १९३६ में स्वयं महात्मा गांधी ने किया था। हरिद्वार का भारतमाता मन्दिर भी बहुत प्रसिद्ध है
2. बीबीसी हिन्दी सेवा पिछले सत्तर वर्ष से अधिक समय से आपके लिए ताज़ा समाचार और सामयिक विषयों पर कार्यक्रम प्रसारित करती रही है. इन वर्षों में दुनिया में काफ़ी कुछ बदला है और हिन्दी सेवा हमेशा समय के साथ चलती रही है.
अगर सही ख़बर चाहिए तो बीबीसी सुनिए - यह हम नहीं कहते, दुनिया भर में यह एक मुहावरा बन चुका है.
बांग्लादेश की लड़ाई हो या इंदिरा गांधी की हत्या या फिर कोई और बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटना, ऐसे अनेक मौक़ों पर बीबीसी हिन्दी सेवा ने साबित किया है कि यह मुहावरा पूरी तरह सही है.
विश्वसनीयता ने लोकप्रियता का रास्ता अपने आप खोल दिया. एक स्वतंत्र सर्वेक्षण के अनुसार, इस समय भारत में करीब सवा करोड़ लोग हमारे प्रसारण सुनते हैं. भारत के बाहर भी हमारे श्रोताओं की बड़ी संख्या है और विदेशों में बहुत सारे लोग इंटरनेट पर हमारा प्रसारण सुनते हैं.
3.स्वास्थ्य ही धन है और इसे सुरक्षित रखने के लिए सबसे लाभकारी व सबसे आसान उपाय है..सैर। चाहे भोर की सैर हो या फिर संध्या की दोनों ही शरीर के लिए हितकारी हैं। सैर निरोग रहने के लिए किए जाने वाले व्यायामों में सबसे सरल विकल्प रहा है। प्रचीन समय में भी सुबह भ्रमण को श्रेष्ठ व उत्तम माना है और आज भी अधिकतर लोगों में सैर के प्रति उतनी ही गहरी रुचि है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ग्रीष्म ऋतु के अलावा सर्द मौसम हो या फिर बारिश में बिस्तर में दुबकने की जगह सैर करना नहीं छोड़ते। युवा हो या फिर बुजुर्ग, सैर की विशेषता है कि इस प्रकिया को सभी आसानी से कर सकते हैं। खुली हवा में सैर करना ज्यादा आरामदायक और सहज है। मरीजों को डॉक्टरों द्वारा विशेष तौर पर सैर की सलाह दी जाती है। आज लोगों ने सैर को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंग बना लिया है। सैर शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
बिना कुछ खर्च किए सैर तरोताजा व निरोग रखती है। बस जरूरत है आलस त्याग करने की। सैर बंद कमरों में भारी मशीनों में पसीना बहाने से कहीं बेहतर है।
4.यह कहानी कामचोर अर्थात् आलसी बच्चों की है। बच्चे अक्सर काम से जी चुराते हैं उन्हें खेलने-कूदने और मस्ती करने में ही आनंद आता है। इस कहानी में बताया गया है कि अगर सही दिशा निर्देश अर्थात् सही तरीका उन्हें न बताया जाए तो बच्चे सही तरीके से काम नहीं करते हैं अर्थात् बच्चों को उन्हें काम करने का तरीका सिखाना बहुत ही जरूरी है। काम सही तरीके से न होने से क्या-क्या परेशानियाँ घरवालों को होती है, इस पाठ में बताया गया है और बहुत ही मजेदार तरीके से बता गया है कि क्या-क्या होता है, जब उन्हें काम करने के लिए कहा जाता है।