Hindi, asked by poojapooja2002gupta, 5 hours ago

4. रात होने पर रक्खा रोज की तरह गली के बाहर बाँई तरफ की दुकान के तख्ते पर आ बैठा।
रोज वह रास्ते से गुजरने वाले परिचित लोगों को आवाज दे-दकर पास बुला लेता था और उन्हें सट्टे के
गुर और सेहत के नुस्खे बताता रहता था। मगर उस दिन वह वहाँ बैठा लच्छे को अपनी वैष्णव देवी की
उस यात्रा का वर्णन सुजाता रहा जो उसने पन्द्रह साल पहले की थी। लच्छे को भेजकर वह गली में
आया तो मलबे के पास लोक पण्डित की भैस देखकर वह आदत के मुताबिक उसे धक्के दे-देकर हटाने
(पं.रविशंकर शुक्ल वि.वि 2011; दुर्ग वि.वि 2019)​

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Answered by 13satnamak47
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