4. संस्कृतेन अनुवाद कुरुत।
(संस्कृत में अनुवाद कीजिए। Translate into Sanskrit.)
(क) सदा गुरुजनों का आदर करो।
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सर्वदा गुरुजन आदरवम कुरुते।
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संस्कृतेन अनुवाद कुरुत। (संस्कृत में अनुवाद कीजिए।)
सर्वदा गुरूजन आदरवम कुरूते।
संस्कृत भाषा संसार की प्राचीनतम एवं प्रथम भाषा है। यह सभी भाषाओँ की जननी है। वेदों की रचना इसी भाषा में होने के कारण इसे वैदिक भाषा भी कहते हैं। सबसे पहले भारत में संस्कृत ही बोली गई थी| इस भाषा में ही ईश्वर ने वेदों का ज्ञान लिखे गये थे |
उदाहरण के लिए
हमें अपने गुरुजनों का सदैव आदर करना चाहिए |
अस्माभिः सदैव निजगुरूजनान सम्मानं कर्तव्यम् |
गुरुजनों की आज्ञा मानो|
गुरुजनानाम आज्ञापालनं कुरु | ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
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