(4) सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(खंड- क)
प्रश्न 1 अपठित गद्यांश-
(1.5+1.5+1-4)
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर दिए गए प्रश्नों के उत्तरदीजिए :-
व्यक्ति चित्त सब समय आदर्शों द्वारा चालित नहीं होता | जितने बड़े पैमाने पर इन क्षेत्रों में
मनुष्य की उन्नति के विधान बनाए गए, उतनी ही मात्रा में लोभ, मोह जैसे विकार भी विस्तृत
होते गए | लक्ष्य की बात भूल गए, आदर्शों को मजाक का विषय बनाया गया और संयम को
दकियानूसी मान लिया गया | परिणाम जो होना था, वह हो रहा है। यह कुछ थोड़े-से लोगों के
बढते
हुए लोभ का नतीजा है, परंतु इससे भारतवर्ष के पुराने आदर्श और भी अधिक स्पष्ट रूप
से महान और उपयोगी दिखाई देने लगे हैं।
भारतवर्ष सदा कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है। आज एकाएक कानून और धर्म में
अंतर कर दिया गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, कानून को दिया जा सकता है।
यही कारण है कि जो लोग धर्मभीरु हैं, वे कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच नहीं
करते।
इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता
रहा हो, भीतर-भीतर भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज़ है।
अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं। वे दब अवश्य गए हैं,
लेकिन भ्रष्ट नहीं हुए हैं।
(1) भारत के पुराने आदर्शों की महता और उपयोगिता कैसे बढ़ गई ?
(2) भारतीय मूल्य कौन से हैं ? आज उनकी क्या स्थिति है ? ?
(3) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
Answers
Answered by
3
Answer:
Bhai I know answer but 5 points is not a good deal for it.
Similar questions
French,
4 months ago
India Languages,
4 months ago
Math,
4 months ago
English,
8 months ago
Math,
8 months ago
Physics,
1 year ago
Chemistry,
1 year ago
Computer Science,
1 year ago