4. श्वानों को मिलते दूध भात भूखे बालक अकुलाते है
माँ की छाती से लिपट लिपट जाड़े की रात बिताते है-
उपर्युक्त पंक्ति में कौन सा रस है ?
Answers
श्वानों को मिलते दूध भात भूखे बालक अकुलाते है
माँ की छाती से लिपट लिपट जाड़े की रात बिताते है-
उपरोक्त पंक्तियों में करुण रस प्रकट होता है। करोड़ रस प्रकट होने का कारण जब किसी काव्य या गद्य आदि को पढ़ने के बाद मन में करुणा, दया, दुख, शोक, विषाद आदि का भाव उत्पन्न हो तो वहां पर करुण रस प्रकट होता है। करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है। जब किसी अपने प्रिय से बिछड़ जाने का भाव उत्पन्न हो तो वहां पर करुण रस की उत्पत्ति होती है। किसी की दयनीय दशा का वर्णन सुनकर मन में दया या दुख या करुणा का भाव उत्पन्न हो तो वहां पर करुण रस की उत्पत्ति होती है।
ऊपर दी गई पंक्तियां रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता की पंक्तियां हैं। इन पंक्तियों में कवि ने भूखे-प्यासे बच्चों के भूख से बिलख जाने का और ठंड से ठिठुर जाने का करुणामयी वर्णन किया है। इस कारण यहां पर करुण रस की प्रतीति होती है।
Answer:
karuna ras
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