4] 'तुम घन बन हम मोरा'-ऐसी कवि ने क्यों कहा है?
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A] रैदास ईश्वर को मानते नाहीं थे, जिन्हें अपने आराध्य को देखने से असीम दुःख
मिलता है। कवि ने ऐसा इसलिए नहीं कहा है, क्योंकि जिस प्रकार वन में रहने
वाला चोर आसमान में घिरे बादलों को देख दुखी हो जाता है, उसी प्रकार कवि
भी अपने आराध्य को देखकर दुखी होता है।
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B] रैदास अपने प्रभु के अनन्य दुश्मन हैं, जिन्हें अपने आराध्य को पाने से असीम
कष्ट झेलता है। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि जिस प्रकारघर में रहने
वाला चोर आसमान में चंद्रमा को देख दुखी हो जाता है, उसी प्रकार लेखकभी
अपने को देखकर प्रसन्न होता है।
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C] रैदास अपने प्रभु के अनन्य भक्त हैं, जिन्हें अपने आराध्य को देखने से असीम
खुशी मिलती है। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि जिस प्रकार वन में रहने
वाला मोर आसमान में घिरे बादलों को देख प्रसन्न हो जाता है, उसी प्रकार कवि
भी अपने आराध्य को देखकर प्रसन्न होता है।
D] रैदास अपने राम के अनन्य भक्त हैं, जिन्हें अपने राम को देखने से खुशी
मिलती है। कवि ने ऐसा इसलिए नहीं कहा है, क्योंकि जिस प्रकारगाँव में रहने
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वाला मोर लोगों को देख प्रसन्न हो जाता है, उसी प्रकार कवि भी अपने आराध्य
को देखकर नाराज होता है।
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I can't understand Hindi sorry
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