4.दुनिया को सूखी मिट्टी कहने का अर्थ है।
क) दुनिया में हरियाली कम हो गई है
ख) दुनिया के लोगों का जीवन सूख दाया है दा दुनिया के लोगों के मन में एक-
दूसरे के लिए प्रेम नहीं है
घ)दुनिया के लोग शक्तिहीन और कमजोर हैं।
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इसका सही जवाब होगा :
दुनिया के लोगों के मन में एक-दूसरे के लिए प्रेम नहीं है
व्याख्या :
दुनिया को सुखी मिट्टी कहने से कवि का तात्पर्य यह है कि दुनिया के लोगों में एक दूसरे के लिए प्रेम नहीं रह गया है। कवि कहता है कि जिस तरह गीली मिट्टी से ही कोई मूर्ति या पात्र बनाया जा सकता है। सूखी मिट्टी से मूर्ति या कोई भी बर्तन आदि नहीं बनाया जा सकता। मिट्टी को गीला करने के लिये जल की आवश्यकता होती है, उसी तरह लोगों दुनिया के लोग भी सूखी मिट्टी की तरह होते जा रहे हैं। उनके बीच प्रेम रूपी जल का अभाव हो गया है, इसके कारण उनके मन सूखे होते जा रहे हैं। इसी कारण लोगों के बीच प्रेम-स्नेह-भाईचारे के संबंध कम होते जा रहे हैं। मन में प्रेम रूपी जल हो, जिससे मिट्टी गीली हो और तभी संंबंध रूपी मूर्ति को गढ़ा जा सकता हैं।
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