Economy, asked by anjali4567, 1 year ago

4. देवयज्ञ में अग्नि के कितने रूप हो जाते है​

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Answered by pawanpandey3543
66

Answer:

देवयज्ञ में अग्नि के पांच रूप होते है।

१जठर अग्नि

२.ज्वाला अग्नि

३ रूप अग्नि

४ लावा अग्नि

५ लुप्त अग्नि

Answered by bhatiamona
3

देव यज्ञ में अग्नि के तीन रूप हो जाते हैं :

पहला रूप : ये रूप वह राख है जो जली हुई अग्नि के शांत हो जाने के बाद हवन कुंड में रह जाती हैं।

दूसरा रूप : ये रूप यज्ञ की अग्नि की सुगंध और उन वस्तुओं के गुण हैं, जो हवन कुंड में आहुति के रूप में डाली गई हैं। देव यज्ञ का यह रूप सूक्ष्म रूप होकर सारे वायुमंडल में फैल जाता है तथा इससे अग्नि, जल, वायु, आकाश, वनस्पति, सूर्य, चंद्रमा, नक्षत्र, पृथ्वी तथा सभी देवताओं को शक्ति मिलती है। सभी तक अपनी आवश्यकता के अनुसार उसे गुण कर लेते हैं और हजार-लाख गुना करके संसार को वापस करते हैं।

तीसरा रूप : ये रूप आहुति का वो रूप है, जो बेहद सूक्ष्म होता है, और यज्ञ करने वाले के हृदय में उसके सूक्ष्म शरीर से लिपट जाता है।  सूक्ष्म शरीर से तात्पर्य आत्मा से है। ये सूक्ष्म शरीर जब स्थूल शरीर को छोड़ता है, तो ये रूप सूक्ष्म शरीर के साथ लिपटा हुआ उसके साथ ही गमन करता है और सूक्ष्म शरीर को सभी सुखों को देने वाले लोक में ले जाता है।

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