4. दक्षिण बिहार के गया जिले से किस जाति के लोगों को चंपारन में नील की खेती के लिए लाया गया ? A ब्राह्मण (B) क्षत्रिय (A ) () (C) कुम्हार (D) भुइँया
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सही उत्तर है...
✔ भुइँया
स्पष्टीकरण ⦂
✎... दक्षिण बिहार के गया जिले से भुँइया जाति के लोग चंपारण में नील की खेती के लिए लाए गए थे। 18 वीं शताब्दी के अंत में नील की खेती के सिलसिले में दक्षिण बिहार के छोटा नागपुर पठार से आदिवासी जातियों के लोगों को लाया गया इनमें ओराँव, मुंडा, लोहार आदि जातियों के वंशज थे। इन्हें धांगड़ मजदूर कहा जाता था। धांगड़ का शाब्दिक अर्थ होता है, भाड़े के मजदूर।
दक्षिण बिहार के गया जिले से भुँइया जाति के लोग भी इसी तरह नील की खेती के लिए लाए गए थे, यह आदिवासी नहीं थे बल्कि मुसहर वर्ग के लोग थे।
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