4.
उस स्त्री के
5. बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता?
लखित
क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25-30 शब्दों में ) लिखिए-
1. मनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्त्व है?
2 पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?
3 लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया?
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?
5. लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूज़े बेचने क्यों चल पड़ी।
6. बुढ़िया के दु:ख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला के
आई?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बाबा के लोग खरबजे बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कर रहे
4.
Answers
Answer:
1) मनुष्य के जीवन में पोशाक की भूमिका होती है पोशाक हमारे लिए बंद दरवाजे खोल देती है।
2) जब हम किसी की मदद करना चाहते हैं तो पोशाक हमारे लिए अड़चन बन जाती है।
3)भगवाना खरबूजे बेच कर अपने परिवार का निर्वाह करता था।
4) लड़की की मृत्यु के दूसरे दिन बुढ़िया घर से बाहर इसलिए निकली क्योंकि घर में पैसे नहीं थे सारे पैसे भगवाना के अंतिम संस्कार में खर्च हो गए थे। उसकी बहु का शरीर तावे की तरह जल रहा था और बच्चें भूख से बिलबिला रहे थे।
5) खरबूजे बेचने वाली उस महिला को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रात महिला की याद इसलिए आई क्योंकि उन दोनों का दर्द एक ही था परंतु उस संभ्रात महिला के पास सभी सुविधाएं थी परंतु उस बुढ़िया के पास दुख और मजबूरी के अलावा और कुछ नहीं था।
6) बाजार के लोग उस स्त्री के बारे में अलग-अलग तरह की बातें कर रहे थे कुछ लोगों का कहना था कि इस बुढ़िया के लिए पैसे के अलावा और कुछ भी मायने नहीं रखता नाहि रिश्ते नाते और ना ही बेटे का मोह इनके लिए तो बस पैसा ही सब कुछ है।