Hindi, asked by surbhikumari78024, 5 months ago

4. उषा कविता में आकाश के बदलते रंगो का वर्णन करें।​

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Answered by Anonymous
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व्याख्या - कवि कहता है कि सूर्योदय के समय आकाश नीले रंग के समान हो जाता है . वह किसी नीले रंग के जलाशय के समान प्रतीत होता है और ऐसे जलाशय के समान प्रतीत होता है और ऐसे जलाशय में गौर रंग की सुंदरी की देह हिल रही हैं . इस प्रकार सूर्योदय के समय उषा का सौन्दर्य हमेशा बदलता रहता है .

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