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वह तोड़ती पत्थर' में कवि किसका वर्णन कर रहा है?"
ii) 'कोई न छायादार पेड़ से कवि का क्या मतलब है?
in) उस स्त्री की कार्य-शैली कैसी है?
(iv) 'सामने तरु मालिका अट्टालिका प्राकार' से क्या आशय है
खण्ड-'ख'
Answers
i ) वह तोड़ती पत्थर' में कवि किसका वर्णन कर रहा है?"
'वह तोड़ती पत्थर' कविता में कवि एक गरीब पत्थर तोड़ने वाली स्त्री का वर्णन कर रहा है, जो सड़क के किनारे कड़ी धूप में पत्थर तोड़ रही है।
ii) 'कोई न छायादार पेड़ से कवि का क्या मतलब है?
'कोई ना छायादार पेड़' से कवि का मतलब यह है कि पत्थर तोड़ने वाली स्त्री जिस जगह बैठी है, वहाँ पर कोई भी आश्रय नहीं है, कोई भी छाया नहीं है। ना कोई पेड़ है ना कोई अन्य छायादार सहारा है। वह स्त्री कड़ी धूप में बैठी हुई पत्थर तोड़ रही है। यह उसकी गरीबी की व्यथा है।
in) उस स्त्री की कार्य-शैली कैसी है?
वह स्त्री पूरी तन्मयता से अपना कार्य कर रही है। वह स्त्री अपनी आँखें नीची किये हुए लगातार काम में लगी हुई थी।
(iv) 'सामने तरु मालिका अट्टालिका प्राकार' से क्या आशय है
'सामने तरु मालिका अट्टालिका प्राकार' से कवि का आशय यह है कि वह स्त्री कड़ी धूप में कार्य कर रही है, लेकिन उसके लिए आराम के लिये कोई जगह नही। कहने को उसके सामने विशाल इमारत है लेकिन थोड़ी देर सुस्ता लेने के लिए उसके पास कोई भी छायादार स्थान नहीं है। कवि तो कहने का भाव यह है कि सुख केवल अमीरों के लिए हैं गरीबों के लिए कोई सुख नहीं है।
#SPJ3