4. वनम्नविखित गद्ाींश को ध्यानपूवयक पढ़कर पूछेगए प्रश्ोींके उत्तर द विए । सन 1924 मेंगुरु नेआलुवा अद्वैत आश्रम मेंसवकधमकसम्मेलन आयोकजत ककया। यह एकशया का पहला और संसार का दू सरा कवश्व धमकसम्मेलन था। कहंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, इस्लाम, कसि सभी धमों के प्रकतकनकधयोंने इसमेंभाग कलया। श्रीलंका सेभी प्रकतकनकध आए थे। सम्मेलन स्थल मेंगुरु नेइस प्रकार कलिवाया -"यहां जो कवश्वधमकसम्मेलन अभी संपन्न हुआ है, उसमेंभाग लेनेवालेसज्जनोंके भाषणोंसेयह स्पष्ट हुआ हैकक धमों का सार एक है। अतः धमकको लेकर झगड़ा करना व्यथकहै। हमेंकशवकगरर मेंएक ऐसी महा पाठशाला की स्थापना करनी चाकहए, कजसमेंसारेधमों के अध्ययन की सुकवधा हो ।" इस धमक महापाठशाला को गुरु ने'ब्रह्म कवद्या मंकदर' नाम कदया। के रल मेंनारायण गुरु द्वारा लाई गई सामाकजक िांकत कवस्फोटक नही ंथी, अकपतुवह उनकी समदकशकता का पररणाम थी। वेसामाकजक सुधार के कायकिमोंको सौहादकके साथ कायाकखित करतेथे, कजससेकवकभन्न जाकतयोंके बीच अपनेपन की भावना पनप सकी। इसके कलए उन्ोंनेपहलेलोगों के मन को पररवकतकत ककया। वेसभी धमों के सार रूप में'एक जाकत, एक धमक, एक ईश्वर' का संदेश देतेथे। लगभग 40 वषकमेंसावकजकनक जीवन मेंउन्ोंनेककसी के प्रकत कटुशब्द नही ंकहा, ककसी सेकवद्वेष नही ं ककया उन्ोंनेकवरोध ककया था- मानवता और स्वतंत्रता सेसमाज को वंकचत करनेवालेदुराचारोंका। इससे सामाकजक समरसता की धारा प्रवाकहत हुई। समाज मेंकवभेद-कवद्वेष की भावना समाप्त हुई
(क) सभी धमों के प्रकतकनकधयोंनेकहां पर कवश्व धमकसम्मेलन का आयोजन ककया इसमेंककन ककन
लोगोंनेभाग कलया ?
(ख) गुरु जी कै सी महापाठशाला स्थाकपत करवाना चाहतेथेऔर क्ों?
(ग) नारायण गुरु द्वारा लाई गई िांकत कवस्फोटक क्ोंनही ंथी ।
(घ) इस गद्यांश के आधार पर गुरुजी की सबसेमहत्वपूणकएक कवशेषता बताइए ।
(ङ) गुरुजी नेककसका कवरोध ककया था ?
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b is the answer pls ask it ahort
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question ⁉️ padhu ya dekh ke jau
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