Social Sciences, asked by kanwarpalkashyap8010, 5 months ago

4.
यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी?
5.
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे
6.
दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कंपनी को किस तरह फायदा पहुँचा?
7.
ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
8.
"सब्सिडियरी एलायंस" (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
9.
कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
10.
कंपनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें।​

Answers

Answered by ranjitsinha08
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Answer:

यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी?

यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ इसलिए आकर्षित हो रही थीं क्योंकि यूरोप में भारत के कपड़े जैसे - सूती , रेशम तथा गर्म मसालों की बहुत ज्यादा मांग थी। भारत से यह सामान यूरोप के व्यापारी कम कीमतों पर खरीद कर अधिक कीमतों पर यूरोप में बेच सकते थे। इस प्रकार वे खूब फायदा कमा सकते थे।

बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे

क) नवाब के स्थानीय अधिकारियों की अनुचित माँग कंपनी के व्यापार को नष्ट कर रहे थे। (ख) कंपनी को अत्यधिक चुंगी कर देना पड़ रहा था। (ग) कंपनी को अपनी आबादी बढ़ाने तथा कीलों के पुनःनिर्माण की अनुमति नहीं थी।

दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कंपनी को किस तरह फायदा पहुँचा?

दीवानी मिलने के कारण कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियंत्रण मिल गया। ... (घ) बंगाल से प्रपात राजस्व में कंपनी अब भारत में सूती और रेशमी कपड़ा खरीद सकती थी, अपनी फ़ौजों को सँभाल सकती थी और कलकत्ता में किले और दफ्तर के निर्माण की लागत उठा सकती थी।

ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?

मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था जहाँ से कंपनी काली मिर्च और इलाइची खरीदती थी। (ii) टीपू सुल्तान से अपनी रियासत में पड़ने वाली बंदरगाहों से चन्दन की लकड़ी, काली मिर्च और इलाइची का निर्यात रोक दिया

सब्सिडियरी एलायंस" (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।

अपने राज्य में अपने खर्च पर एक अंग्रेजी सेना रखना। इसे सहायक सेना कहा जाता था। (2) अपने दरबार में एक अंग्रेज प्रेसिडेंट (प्रतिनिधि) रखना। (3) अपने दरबार में अंग्रेजों की आज्ञा के बिना किसी विदेशी को नौकरी न देना।

कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?

भारतीय राजाओं ने अपने राज्य का प्रशासनिक तथा राजस्व विभाजन विभिन्न इकाइयों में कर रखा था; परंतु ये इकाइयाँ ब्रिटिश-प्रशासनिक एवं राजस्व इकाइयों की तरह प्रभावी नहीं थी। कंपनी ने प्रेजिडेंसी के रूप में एक नई प्रशासनिक इकाई बनाई थी जिसका शासन गर्वनर के पास होता था।

कंपनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें।

कंपनी ने पैदल एवं सवार सिपाहियों की जगह पेशेवर सैनिकों की भली की। (ii) इन सैनिकों को यूरोपीय शैली में नई युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। (iii) इन सैनिकों को आधुनिक हथियारों जैसे मस्कट तथा माचलौक, आदि से लैस किया गया।

Explanation:

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Answered by sadiaanam
1

Answer:

कुछ संसाधनों जैसे भारतीय रेशम, मलमल, नील और मसालों की यूरोपीय देशों में बहुत माँग थी। भारतीय अर्थव्यवस्था की इस समृद्धि और संसाधनों की प्रचुरता ने उन्हें हमारे देश के साथ व्यापार करने के लिए मजबूर किया। इसके अलावा, भारतीय उपमहाद्वीप ने यूरोपीय सामानों के लिए एक बड़े बाजार के रूप में काम किया।

यूरोप के बाजारों में भारतीय सूती कपड़े, रेशम, कालीमिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि की जबर्दस्त माँग थी। वे भारत में सस्ती कीमतों पर ये चीजें खरीदकर वापस यूरोप जाकर उन्हें ऊँची कीमतों पर बेच सकती थीं। इसी व्यापारिक सम्भावना के कारण वे भारत की ओर आकर्षित हो रही थीं।

नवाबों और अंग्रेज़ों के बीच संघर्ष: ब्रिटिश कंपनी को प्राप्त विशेषाधिकारों का बंगाल के नवाबों ने कड़ा विरोध किया क्योंकि इससे प्रांतीय राजकोष को भारी नुकसान हुआ। नतीजतन ब्रिटिश का वाणिज्यिक हित बंगाल सरकार से संघर्ष का मुख्य कारण बन गया।

Explanation:

कुछ संसाधनों जैसे भारतीय रेशम, मलमल, नील और मसालों की यूरोपीय देशों में बहुत माँग थी। भारतीय अर्थव्यवस्था की इस समृद्धि और संसाधनों की प्रचुरता ने उन्हें हमारे देश के साथ व्यापार करने के लिए मजबूर किया। इसके अलावा, भारतीय उपमहाद्वीप ने यूरोपीय सामानों के लिए एक बड़े बाजार के रूप में काम किया।

यूरोप के बाजारों में भारतीय सूती कपड़े, रेशम, कालीमिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि की जबर्दस्त माँग थी। वे भारत में सस्ती कीमतों पर ये चीजें खरीदकर वापस यूरोप जाकर उन्हें ऊँची कीमतों पर बेच सकती थीं। इसी व्यापारिक सम्भावना के कारण वे भारत की ओर आकर्षित हो रही थीं।

नवाबों और अंग्रेज़ों के बीच संघर्ष: ब्रिटिश कंपनी को प्राप्त विशेषाधिकारों का बंगाल के नवाबों ने कड़ा विरोध किया क्योंकि इससे प्रांतीय राजकोष को भारी नुकसान हुआ। नतीजतन ब्रिटिश का वाणिज्यिक हित बंगाल सरकार से संघर्ष का मुख्य कारण बन गया।

समाधान। बंगाल के नवाब चाहते थे कि ब्रिटिश कंपनियां भारतीयों की तरह व्यापार पर कर चुकाएं। लेकिन अंग्रेजों ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष पैदा किया और परिणामस्वरूप दोनों के बीच युद्ध हुआ।

(क) बंगाल नवाबों ने अपनी शक्ति और स्वायत्तता पर जोर दिया और नवाबों ने कंपनी को छूट देने से मना कर दिया था।

(ख) उन्होंने कंपनी को व्यापारिक अधिकार देने के लिए बहुत अधिक धनराशि की माँग की।

(ग) उन्होंने कंपनी को सिक्का ढालने का अधिकार देने से मना कर दिया तथा किलाबंदी का विस्तार करने से रोक दिया।

दीवानी मिलने से ईस्ट इण्डिया कम्पनी को निम्नलिखित रूप से फायदा पहुँचा-  (1) दीवानी मिलने के कारण कम्पनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियन्त्रण मिल गया।

 (2) भारत में चीजों के खरीदने के लिए कम्पनी को अब ब्रिटेन से सोना-चाँदी नहीं मँगाना पड़ता था।

(क) दीवानी मिलने के कारण कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियंत्रण मिल गया।

(ख) इसने पूर्व में होने वाली कंपनी की बड़ी समस्या का समाधान किया।

(ग) भारत में चीज़ों को खरदीने के लिए ब्रिटेन को अब सोना-चाँदी नहीं माँगना पड़ता था।

दीवानी अधिकार का अर्थ है राजस्व वसूल करने का अधिकार। दीवानी ने ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति दी । कंपनी राजस्व का उपयोग अपने व्यापार और अन्य खर्चों के वित्तपोषण के लिए और अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए भी कर सकती थी।

ईस्ट इण्डिया कम्पनी निम्नलिखित कारणों से टीपू सुल्तान को खतरा मानती थी

(1) टीपू सुल्तान बहुत महत्त्वाकांक्षी था तथा अंग्रेजों को अपना दुश्मन मानता था।

(2) मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत (टीपू) के नियन्त्रण में था जहाँ से कम्पनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी।

ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा इसलिए मानती थी क्योंकि- → मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के अंतर्गत आता था और टीपू सुलतान वहाँ के शासक थे ।

अपने राज्य में अपने खर्च पर एक अंग्रेजी सेना रखना। इसे सहायक सेना कहा जाता था।

(2) अपने दरबार में एक अंग्रेज प्रेसिडेंट (प्रतिनिधि) रखना।

(3) अपने दरबार में अंग्रेजों की आज्ञा के बिना किसी विदेशी को नौकरी न देना।

भारतीय राजाओं ने अपने राज्य का प्रशासनिक तथा राजस्व विभाजन विभिन्न इकाइयों में कर रखा था; परंतु ये इकाइयाँ ब्रिटिश-प्रशासनिक एवं राजस्व इकाइयों की तरह प्रभावी नहीं थी। कंपनी ने प्रेजिडेंसी के रूप में एक नई प्रशासनिक इकाई बनाई थी जिसका शासन गर्वनर के पास होता था।

कंपनी की सेना की सरंचना में आए बदलावों का वर्णन करें।

(i) कंपनी ने पैदल एवं सवार सिपाहियों की जगह पेशेवर सैनिकों की भली की।

(ii) इन सैनिकों को यूरोपीय शैली में नई युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया।

(iii) इन सैनिकों को आधुनिक हथियारों जैसे मस्कट तथा माचलौक, आदि से लैस किया गया।

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