Hindi, asked by shivanshusingh10547, 7 months ago

(4) यश-कामना मलिक काई कि या लिया, पिता जी की सबसे बड़ी सुर्वलता थी और उसके प्रया।
पुरीया यह सिद्धांत कि व्यक्ति को कुछ विशिष्ट बनकर जीना चाहिए, कुछ ऐसे काम करने चाहिये कि समा।
उसका नाम हो, सम्मान हो, प्रतिष्ठा हो, बर्चस्व हो। इसके चलते ही में दो एक बार उनके कोप से बच गई।
बार कॉलिज से प्रिंसिपल का पत्र आया कि पिता जी आकर मिले और बताएं कि मेरी गतिविधियों के का।
खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए? पत्र पढ़ते ही पिता जी आग बबूला। “यह लड़की मुद्रा की।
दिखाने लायक नहीं रखेगी...पता नहीं क्या-क्या सुनना पड़ेगा वहाँ जाकर चार बच्चे पहले भी पड़े, किसी ने 26
नहीं दिखाया।" गुस्से से भन्नाते हुए ही वे गये थे। लौटकर क्या कहर बरपा होगा, इसका अनुमान था, सो में पड़ी
की एक पित्र के यहाँ जाकर बैठ गई। माँ को कह दिया कि लौटकर बहुत कुछ गुवार निकल जाए, तब बाबा
लेकिन जब माँ मे आकर कहा कि वे तो खुश ही है, चली चल, तो विश्वास नहीं हुआ। गई तो सही, संधि
डरते-डरते। “सारे कालिज की लड़कियों पर इतना रौब है तेरा...सारा कालिज तुम तीन लड़कियों के इशारे पर घर
रहा है? प्रिसिपल बहुत परेशान थी और बार-बार आग्रह कर रही थी कि मैं तुझे घर बिठा लूं, क्योंकि वे लोग किन
तरह डरा-धमकाकर, डॉट-डपटकर लड़कियों को बलामों में भेजते है और अगर तुम लोग एक इशारा का हो कि
क्लास छोड़कर बाहर आ जाओ तो सारी लड़कियाँ निकलकर मैदान में जमा होकर नारे लगाने लगती है।
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
१ पिताजी की सबसे बड़ी दुर्बलता क्या थी?
२ पिताजी के जीवन का प्रमुख सिद्धांत क्या था?
३. एक बार कालेज के प्रिंसिपल का क्या पत्र
आया?
४ पत्र पढ़कर लेखिका की पिताजी की प्रतिक्रिया
क्या थी
५ पिता जी का ले जाते समय और लौटते समय
किस स्थिति में थे ?कारण बताओ
1.07 PM​

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Answered by sk231536
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Answer:

pita g ki sabse badi durbalta kya thi uske praya

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