40.
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए :
गीता जीवन की कला सिखाती है। जब मैं देखता हूँ कि हमारा समाज आज हमारी संस्कृति के मौलिक सिद्धांतों
की अवहेलना करता है, तब मेरा हृदय फटता है। आप चाहे जहाँ जाएँ, परंतु संस्कृति के मौलिक सिद्धांतों को सदैव साथ
रखें । संसार के सारे सुख क्षणभंगुर एवं अस्थायी होते हैं। वास्तविक सुख हमारी आत्मा में ही हैं। चरित्र नष्ट होने से मनुष्य
का सबकुछ नष्ट हो जाता है। संसार के राज्य पर विजयी होने पर भी आत्मा की हार सबसे बड़ी हार है। यही है हमारी
संस्कृति का सार, जो अभ्यास द्वारा सुगम बनाकर कार्यरूप में परिणत किया जा सकता है।
प्रश्न:
47. गीता क्या सिखाती है?
48. वास्तविक सुख कहाँ है?
49. लेखक का हृदय कब फटता है?
50. संसार के सारे सुख कैसे होते हैं?
51. मनुष्य का सबकुछ कब नष्ट हो जाता है?
52. इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।
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hahahauuauaijahahhshsusujshahhsgzyzuushagavgsvsvsbh
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