44. इनमें से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की विशेषता नहीं है
(A) लोकगीत की शैली पर सामाजिक कविता
(B) प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण
(C) राष्ट्रीयता का स्वर
(D) उपरोक्त सभी
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सही उत्तर है...
➲ (B) प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण
✎... भारतेंदु हरिश्चंद्र के काव्य में प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण नहीं मिलता है। प्रकृति का चित्रण करने में भारतेंदु हरिश्चंद्र को अधिक सफलता नहीं प्राप्त हुई, क्योंकि वे मानव रूपी प्रकृति के शिल्पी थे। किसी बाहरी प्रकृति में उनका मर्म पूरी तरह रम नहीं पाया, इसलिए उनके काव्य में प्रकृति चित्रण का जो भी रूप मिलता है, उसमें मानव हृदय को आकर्षित करने की शक्ति का अभाव रहा है।
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