45-निम्नलिखित श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए.
क) भव्य भव ख) मूल्य मूल
Answers
प्रश्न में दिये गये श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्दों के अर्थ इस प्रकार होंगे....
(क)
भव्य : सुंदर, वैभवपूर्ण, आलीशान
भव : संसार, जगत, सृष्टि, दुनिया
(ख)
मूल्य : दाम, भाव, कीमत
मूल : जड़, कारण, असल, पहला
व्याख्या:
‘श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द’ वे शब्द होते हैं जिनके उच्चारण तो समान से लगें पर उनके अर्थ भिन्न हों।
‘श्रुतिसमभिन्नार्थक’ ये शब्द ही चार शब्दों से मिलकर बना है...
श्रुति = सुनना
सम = समान
भिन्न = अलग
अर्थ = मतलब
अर्थात् वो शब्द जो सुनने में जिनकी ध्वनि समान सी लगे पर उनके अर्थ अलग हों।
जैसे....
ग्रह = ब्रह्मांड का कोई पिंड जैसे पृथ्वी, मंगल आदि
गृह = घर
अवधि = समयकाल
अवधी = एक बोली (हिंदी की उपभाषा - लखनऊ के आसपास बोली जाने वाली)
आदि = प्रारंभ
आदी = अभ्यस्त हो जाना
अभिराम = सुंदर
अविराम = बिना रुके, लगातार
दैव = भाग्य
देव = भगवान, देवता
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