Accountancy, asked by pritykumari22102000, 6 months ago

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B. A ने अपना व्यापार 1 अप्रैल, 2011 को 33,600 ₹ की पूंजी से प्रारम्भ किया। उसके 2011-12 से 2015-16 तक के लाभ
क्रमशः 7,000 ₹, 4,120 ₹, 1,800 ₹, 1,400 ₹ तथा 400 ₹ के थे और उसके आहरण 2,200 र प्रति वर्ष की दर से थे।
31 मार्च, 2016 को उसके ऊपर एक दिवाला आदेश हुआ। उस समय उसकी स्थिति निम्नांकित थी :

अरक्षित लेनदार
20,000
फ्रीहोल्ड सम्पत्ति पर बन्धक
4,000
अंशतः रक्षित लेनदार (प्रतिभूति जीवन बीमा 4,000 ₹ प्राप्य मूल्य की)
12,000
वेतन एवं मजदूरी के लिए देनदार (दिवाला होने के ठीक चार माह पूर्व सेवाएं दी)
भुनाये हुए प्राप्य बिल देय
3,200
फ्रीहोल्ड कारखाना लागत 40,000 र, अनुमानित प्राप्य मूल्य
20,000
प्लाण्ट और मशीन–लागत 8,000 ₹, अनुमानित प्राप्य मूल्य
2,000
6,000
अच्छे
पुस्तकीय देनदारः
2,000
संदिग्ध (प्राप्त होने का आशा 600 ₹)
5,000
अप्राप्य ऋण
फिक्सचर्स लागत 800 ₹, अनुमानित प्राप्य
5,500
व्यापारिक रहतिया-लागत 8,000 र, अनुमानित प्राप्य
उपर्युक्त विवरण से A का स्थिति-विवरण और कमी का खाता बनाइए।
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Answers

Answered by RjRahulSankhyan
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Answer:

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