Hindi, asked by Vinayakkatal, 6 months ago

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1.निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सही उल्लर लिखो।
किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है 'बड़े-बड़े बुद्धिमान,धनवान,स्वस्थ और बलवान व्यक्ति भले ही
असफल हो बाएँ किंतु निरंतर परिश्रम करने वाला व्यक्ति कभी निराश व असफल नहीं होता।यह हो
सकता है कि उसे साधन संपन्न और बुद्धिमान व्यक्ति के मुकाबले सफलता कुछ अधिक कठिनाई के
साथ या कुछ अधिक देर बाद मिले किंतु निरंतर मेहनत करने वाले व्यक्ति को भाग्य भी अधिक देर तक
नहीं रोक सकता ।राना भगीरथ का उदाहरण सभी को स्मरण रखना चाहिए ,विन्होंने अपने वर्षों के
परिश्रम से गंगा की धारा स्वर्ग से धरती पर प्रवाहित कर दी।बाबर व शेरशाह ने निरंतर प्रयास से
विशाल राज्यों की स्थापना की।सभी महापुरुषों ने परिश्रम के महत्व को समझ कर एकाग्रतापूर्वक अपने
उद्देश्यों की प्राप्ति की।इसलिए विसने भी परिश्रम के महत्व को अपने जीवन में अपनाया,उस पर
सौभाग्य और लक्ष्मी की कृपा सावन की घनघोर वर्षा की तरह हुई।
1.कैसा व्यक्ति कभी असफल नहीं होता?
2.गद्यांश में किन महापुरुषों की बात की गई है?
3.महापुरुषों ने किस प्रकार अपने उद्देश्य को प्राप्त किया?
4.परिश्रमी व्यक्ति पर किस की कृपा होती है?
5.निरंतर मेहनत करने वाले व्यक्ति को किस के मुकाबले देर से सफलता मिलती है?​

Answers

Answered by Arpita1678
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Answer:

here is your answer

Explanation:

1.निरंतर परिश्रम करने वाला व्यक्ति कभी निराश व असफल नहीं होता।

2.राना भगीरथ,बाबर व शेरशाह।

3.सभी महापुरुषों ने परिश्रम के महत्व को समझ कर एकाग्रतापूर्वक अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की।

4.परिश्रमी व्यक्ति पर सौभाग्य और लक्ष्मी की कृपा होती है।

5.निरंतर मेहनत करने वाले व्यक्ति को संपन्न और बुद्धिमान व्यक्ति के मुकाबले देर से सफलता मिलती है।

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