Math, asked by nehanehadeshmukh8, 2 months ago

5.12 अपने मन रेसामान्य ज्ञान के कोई 5त्र बनाये एवं अपने साथियों के साथ मिलकर उनका उत्तर​

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Answered by prettykitty664
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Step-by-step explanation:

मनुष्य स्वयं ही एक जादू है। उसकी चेतना चमत्कारी है। उसकी दौड़ जिधर भी चल पड़ती है, उधर ही चमत्कारी उपलब्धियां प्रस्तुत करती है। बाह्य जगत की अपेक्षा अंतर्जगत की शक्ति अदृश्य होकर भी कहीं अधिक प्रखर और प्रभावपूर्ण होती है। मस्तिष्क में क्या विचार चल रहे होते हैं, यह दिखाई नहीं देता, पर क्रिया व्यापार की समस्त भूमिका मनोजगत में ही बनती है। अंतर्जगत विशाल और विराट है, उससे एक व्यक्ति ही नहीं, बड़े समुदाय भी प्रेरित और प्रभावित होते हैं।

लोग जानकारी प्राप्त करने के लिए सामान्यतः अपनी पांच इन्द्रियों- आंख, कान, नाक, जीभ तथा त्वचा का प्रयोग करते हैं, किन्तु संसार में ऐसे व्यक्ति भी हैं जो कि इन्द्रियों के प्रयोग के बिना ही असामान्य विधियों से जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

असामान्य विधियों के द्वारा जानकारी प्राप्त करने की इस क्षमता को परामनोविज्ञान अतीन्द्रिय बोध की संज्ञा देता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि अतीन्द्रिय बोध किसी व्यक्ति की छठी इन्द्रिय है। अतीन्द्रिय बोध से प्राप्त जानकारी वर्तमान, भूत या भविष्य में से किसी भी काल की हो सकती है।

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