_____5. "अँगुली ढकी है पर पंजा नीचे घिस रहा है" पाठ के आधार पर पंक्ति में निहित
व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।
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➲ अँगुली ढकी है, पर पंजा नीचे घिस रहा है। इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक अपने मन की मनोस्थिति को व्यक्त कर रहा है।
‘प्रेमचंद के फटे’ जूते पाठ में हरिशंकर परसाई प्रेमचंद के फोटो में उनकी दशा देखकर व्यथित है और प्रेमचंद के फटे जूते देखकर प्रकट रूप से उसके मन की जो स्थिति है, वह व्यक्त कर रहा है। लेखक कह रहा है कि उसके जूते फटे नहीं है। लेखक के जूते की उंगली प्रेमचंद के फटे जूते की भांति बाहर नहीं आ रही है। बाहर से भले ही देखने में उसकी दशा और आर्थिक देखने में अच्छी प्रतीत हो रही हो, लेकिन अंदर से उसकी हालत खराब है। वह भीतर से दुखी है, फटे हाल है क्योंकि प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकार की ऐसी दशा देखकर उसका मन व्यथित है और दुखी है।
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