5. अकबर और बीरबल
मुगलकालीन बादशाहों में अकबर का नाम बहुत प्रसिद्ध था। अकबर के दरबार में अनेक विद्वान
मंत्रियों में बीरबल भी एक मंत्री थे। बीरबल बहुत चतुर और बुद्धिमान थे। बादशाह प्रायः बीरबल से
ऐसे कठिन प्रश्न पूछा करते थे, जो समस्या के रूप में होते थे और बीरबल उन प्रश्नों के उत्तर
बड़ी तर्कपूर्ण ढंग से दिया करते थे।
इसी क्रम में, एक दिन बादशाह ने सोचा कि बीरबल से कोई ऐसा प्रश्न पूछना चाहिए जिसका उत्तर
देने में उन्हें कठिनाई हो। इस तरह कुछ दिन बीत गए।
एक दिन बीरबल अपने घर जा रहे थे। उन्होंने एक गरीब बालिका को देखा। वह सड़क के किनारे
बैठी एक-एक चना आराम से खा रही थी। बीरबल ने उससे पूछा- “तुम एक-एक दाना क्यों खा रही
हो?"
बच्ची ने बड़े विश्वास से कहा, “भिक्षा में यही थोड़े से चने मिले हैं। यदि मैं इन्हें एकदम खा जाऊँ तो
भूख एकदम तंग करेगी। इसलिए एक-एक दाना खाकर बीच-बीच में पानी पी रही हूँ। इससे
तक पेट को सहारा मिल जाएगा।"
बच्ची का उत्तर सुनकर बीरबल बहुत प्रसन्न
बहुत प्रसन्न हुए और
उन्होंने सोचा कि यह बच्ची अनाथ है परंतु बुद्धिमान
है। भीख माँगकर निर्वाह करती है, इसे घर ले जाना
बहुत देर
सारांश
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