5. बच्चन के अतिरिक्त लेखक को अन्य किन लोगों का तथा किस प्रकार का सहयोग मिला?
6. लेखक के हिंदी लेखन में कदम रखने का क्रमानुसार वर्णन कीजिए।
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5. बच्चन जी के अतिरिक्त लेखक को सुमित्रानंदन पंत जी ने भी सहयोग दिया। पंत जी की सहायता से ही लेखक को इंडियन प्रेस में अनुवाद का काम मिला था । तभी उन्होंने हिंदी में गंभीरता से कविता लिखने का निर्णय लिया था। पंत जी ने 'निशा निमंत्रण के कवि के प्रति' लेखक की इस कविता में संशोधन करके लेखक की सहायता की थी।
6. सन् 1933 में लेखक की कुछ रचनाएँ जैसे ‘सरस्वती’ और ‘चाँद’ छपी। बच्चन द्वारा ‘प्रकार’ की रचना लेखक से करवाई गई। बच्चन द्वारा रचित ‘निशा-निमंत्रण’ से प्रेरित होकर लेखक ने ‘निशा-निमंत्रण के कवि के प्रति’ कविता लिखी थी। निराला जी का ध्यान सरस्वती में छपी कविता पर गया। उसके पश्चात् उन्होंने कुछ हिंदी निबंध भी लिखे व बाद में ‘हंस’ कार्यालय की ‘कहानी’ में चले गए। तद्पश्चात् उन्होंने कविताओं का संग्रह व अन्य रचनाएँ भी लिखी
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