Hindi, asked by prachipandiya05, 7 months ago

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भारत में एक मायने में सबसे खराब चीज़ यहाँ की जाति-प्रथा है। हम-आप बहस करते हैं, कभी प्रजातंत्र की, समाजवाद की
और न जाने किस-किसकी। इन सबमें चाहे प्रजातंत्र हो, चाहे समाजवाद हो, उनमें कहीं भी जाति-प्रथा नहीं आ सकती। वह
सब तरह की उन्नति में बाधक ही है। जाति-पाँति में रहते हुए आप न तो समाजवाद पर पहुँच सकते हैं और न असल प्रजातंत्र
पर। जाति-प्रथा तो देश तथा समाज को अलग-अलग भागों में बाँटती है। इस तरह वह मिलाने का नहीं बल्कि बाँटने का कारण
बनती है। आज के समाज में जाति-प्रथा एक कोढ़ के रूप में हानिकारक बन गई है।
एक जमाना था जब भारत का स्थान बहुत ऊँचा था। लोग आज़ादी से दुनियाभर में आते-जाते थे और वे विदेशों में अपनी
बुद्धि से, और अपनी शक्ति से प्रभाव डालते थे। फिर एक जमाना आया, जब हम सब जाति-पाँति में पड़ गए और अब तक
पड़े हुए हैं।
जाति-भेद जैसी कुरीतियाँ देश को कमजोर करती हैं और उसे पतन के मार्ग पर ले जाती हैं। इसके विपरीत, हमारे देश का
इतिहास हमें यह सिखलाता है कि धर्म के मामले में हमें एक-दूसरे से मिलकर रहना चाहिए।
प्रश्न 1. इस गद्यांश में किस बुराई की ओर इशारा किया गया है?


Answers

Answered by deepakvashisht926
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Answer:

yes bilkul sahi baat hai

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