5.चित्र में, दरारो के बीच स्थित भू-भाग के उत्थान के कारण कौन-सा भू-आकृति विकसित होता है?? a) ज्वालामुखी पर्वत (b) ब्लॉक (गुटका ) पर्वत (c) लावा पठार (c) महाद्वीपीय ढाल दरारे
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अफ्रीका ऊंचे पठारों का महाद्वीप है, इसका निर्माण अत्यन्त प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से हुआ है। इस लावा निर्मित पठार को शील्ड कहते हैं। अफ्रीका महादेश का धरातल प्राचीन गोंडवाना लैंड का ही एक भाग है। बड़े पठारों के बीच अनेक छोटे-छोटे पठार विभिन्न ढाल वाले हैं। इसके उत्तर में विश्व का वृहत्तम शुष्क मरुस्थल सहारा उपस्थित है। इसके नदी बेसिनों का मानव सभ्यता के विकाश में उल्लेखनीय योगदान रहा है, जिसमें नील नदी बेसिन का विशेष स्थान है। समुद्रतटीय मैदानों को छोड़कर किसी भी भाग की ऊँचाई 325 मीटर से कम नहीं है। महाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग तथा सुदूर दक्षिण में मोड़दार पर्वत मिलते हैं।
अफ़्रीका
उत्तर के मोड़दार पर्वत संपादित करें
अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में एटलस पर्वत की श्रेणियाँ हैं, जो यूरोप के आल्प्स पर्वतमाला की ही एक शाखा है। ये पर्वत दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैले हुए हैं और उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक ऊँचे हैं। ये पर्वत-श्रेणियाँ तीन भागों में विभक्त हैं- टेल एटलस, महान एटलस एवं लघु एटलस। टेल एटलस भूमध्य सागर के तट के समानान्तर है तथा भूमध्य सागर की ओर इसका ढाल खड़ा है। महान एटलस अटलांटिक तट से प्रारम्भ होकर प्रथम श्रेणी के दक्षिण व उसके समानान्तर गयी है। इसकी सबसे ऊँची चोटी जेबेल टूबकल है जिसकी ऊँचाई 4,167 मीटर है। लघु एटलस को सहारा एटलस भी कहते हैं। यह टेल एटलस एवं महान एटलस के मध्य में स्थित है। यहाँ खारे पानी की कई झीलें हैं जिन्हें शॉट कहते हैं।