5.) छात्र की शिक्षा और परीक्षा पर कोरोना महामारी के पड़ते प्रभाव के बारे में लगभग 35-40 शब्दों में
लिखिए।
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शतरंज सिखाने वाली अनुराधा बेनीवाल अपने वक़्त को ब्रिटेन और भारत के बीच में बांटती हैं. वो अलग-अलग महाद्वीपों में मौजूद छात्रों को शतरंज सिखाती हैं.
लंदन के महंगे स्कूल से लेकर भारत के दूर-दराज़ के इलाक़े में रहने वाले ग़रीब बच्चों तक उनके यहां हर तरह के बच्चे सीखते हैं. लेकिन, कोविड-19 ने उनके लिए स्थितियां पूरी तरह से बदल दी हैं.
कोरोना वायरस फैलने के बाद डिजिटल साधनों तक पहुंच में बड़ी असमानता भारत में शिक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.
शैक्षिक नीतियों में आमूल-चूल बदलाव की ज़रूरत
लंदन से फ़ोन पर बेनीवाल बताती हैं कि किस तरह से कोरोना वायरस ने शिक्षाविदों को नए सिरे से सोचने और मौजूदा शैक्षिक नीतियों को फिर से तैयार करने के लिए मजबूर कर दिया है.
वो कहती हैं, "मैं लंदन में अधिकतम आठ छात्रों के लिए ज़ूम क्लास लेती हूं. यहां ज़्यादातर बच्चों के पास अपने कमरे हैं, उनके पास तेज़ रफ़्तार इंटरनेट, लैपटॉप और टैबलेट्स जैसे मल्टीपल स्क्रीन हैं और ये तकनीक से अच्छी तरह से वाकिफ भी हैं."
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शिक्षा हमारे जीवन में बहुत मेहतावपुराण है पर आज के समय में कोरोना महारानी ने अहमरा पढ़ने का तारिका बदल दिया है अब हम सब ऑनलाइन कक्षा ले रहे हैं जिससे हमारी पढाई पर प्रभाव पढ़ है इसी वझा से कुछ छत की पढाई पर असर पड़ा है लिखने की आदत भी धीरे ध छुट रही है इसलिये हम भगवान से ये प्रथा ना करनी चाहिए की सब कुछ ठीक हो जाए
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pls mark me as brainlist