Hindi, asked by smilebutterfly, 3 months ago

5. 'एक तिनका' कविता में घमंडी को उसकी 'समझ' ने चेतावनी दी-
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए।
इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-
तिनका कबहूँ न निदिए, पाँव तले जो होय।
कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।
• इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।​

Answers

Answered by shubhshubhi2020
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Answer:

(क)इन दोनों काव्यांशों की पंक्तियों में समानता यह है कि दोनों में ही बताया गया है कि छोटा-सा तिनका भी अगर आँख में पड़ जाए तो मनुष्य को बेचैन कर देता है।

(ख)इन दोनों काव्यांशों की पंक्तियों में अंतर‘एक तिनका’ कविता में कवि ने दर्शाया है कि छोटे से तिनके में मनुष्य का घमंड तोड़ देने की शक्ति है।

जबकि कबीर ने कहा है कि तिनके को कभी पाँव तले मत रौंदो न जाने कब वह उड़कर आँख में पड़ जाए और बहुत दर्द सहना पड़े अर्थात् छोटा व्यक्ति भी कभी-कभी नुकसान पहुँचा सकता है।

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