Hindi, asked by jassikashav, 1 month ago

(5) हम पछी उन्मुक्त गगन के, पिजर बद्ध न कहलाएँगे।
कनक-तीलियों से टकराकर, पुलकित पख टूट जाएँगे।
हम बहता जल पीने वाले, मर जाएँगे भूखे-प्यासे।
कहीं भली है कटुक निबौरी, कनक-कटोरी की मैदा से।
स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में, अपनी गति उड़ान सब भूले।
बस सपनों में देख रहे हैं,तरु की फुनगी पर के झूले।
नीड़ न दो चाहे टहनी का, आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो।
लेकिन पंख दिए हैं तो, आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
प्रश्न: (i) प्रस्तुत पंक्तियों में पक्षियों ने अपनी विशेषताओं का उल्लेख किया है। किन्हीं
दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ii) भाव स्पष्ट कीजिए-'स्वर्ण शृंखला के बंधन में अपनी गति उड़ान सब
भूले।
(iii) इस कविता द्वारा कवि क्या संदेश दे रहा है?
(iv) पक्षी मानव से क्या प्रार्थना कर रहा है?
(v) तत्सम रूप लिखिए-पंछी , सपना।​

Answers

Answered by manishadevi2604
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i) उन्मुक्त गगन

iii) इस कविता द्वारा कवि का यह संदेश है कि पक्षियों को खुले आसमान में ही उड़ना देना चाहिए

iv)पक्षी मानव से प्रार्थना कर रहे हैं कि उन्हें पिंजर मुक्त कर दें

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