Hindi, asked by rishika0608, 26 days ago

5 important points on Himalaya ki Beti​

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Answered by sandyaknairsvhehyund
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नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। नदियों को माँ का स्वरुप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते है।सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिंग रूप में नद भी माना गया है। इन्हीं दो नदियों में सारी नदियों का संगम भी होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी इनकी महत्ता है। कहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय की पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है।

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