Hindi, asked by shaiknoojahan872591, 9 months ago

5. इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा-
(1 Point)
हिम्मत
मुकाबला
कठोर परिश्रम
परिश्रम का महत्त्व​

Answers

Answered by shishir303
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परिश्रम को सफलता की कुंजी माना गया है। जीवन में सफलता पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती है। कहा भी है-उद्योगी पुरुषसिंह को लक्ष्मी वरण करती है। जो भाग्यवादी हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलता। वे हाथ-पर-हाथ धरे रह जाते हैं। अवसर उनके सामने से निकल जाता है। भाग्य कठिन परिश्रम का ही दूसरा नाम है।प्रकृति को ही देखिए। सारे जड़-चेतन अपने कार्य में लगे रहते हैं। चींटी को भी पल-भर चैन नहीं। मधुमक्खी जाने कितनी लंबी यात्रा कर बूंद-बूंद मधु जुटाती है। मुरगे को सुबह बाँग लगानी ही है। फिर मनुष्य को बुद्ध मिली है, विवेक मिला है। वह निठल्ला बैठे, तो सफलता की कामना करना व्यर्थ है।

विश्व में जो देश आगे बढ़े हैं, उनकी सफलता का रहस्य कठिन परिश्रम ही है। जापान को दूसरे विश्व-युद्ध में मिट्टी में मिला दिया गया था। उसकी अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई थी। दिन-रात जी-तोड़ श्रम करके वह पुन: विश्व का प्रमुख औद्योगिक देश बन गया। चीन को शोषण से मुक्ति भारत से देर में मिली, वह भी श्रम के बल पर आज भारत से आगे निकल गया है। जर्मनी ने भी युद्ध की विभीषिकाएँ झेलीं, पर श्रम के बल पर सँभल गया। परिश्रम का महत्व वे जानते हैं, जो स्वयं अपने बल पर आगे बढ़े हैं। संसार के अनेक महापुरुष परिश्रम के प्रमाण हैं। कालिदास, तुलसी, टैगोर और गोकीं परिश्रम से ही अमर हुए। संसार के इतिहास में अनेक चमकते सितारे केवल परिश्रम के ही प्रमाण हैं।

इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा-

✎...  इस गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा...

➲ परिश्रम का महत्त्व​

भाग्य कठिन परिश्रम का दूसरा नाम है।”-स्पष्ट कीजिए।

✎... भाग्य कठिन परिश्रम का दूसरा नाम है, क्योंकि जो भाग्यवादी है, वे यदि हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहेंगें तो उन्हे कुछ नही मिलने वाला। भाग्य का मतलब है, कि कठोर परिश्रम के लिये तैयार रहना ताकि जीवन में सफलता प्राप्त की जा सके।

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