5. जीव जगत के मित्र कौन-कौन हैं?
Answers
जीव-जगत के मित्र प्रकृति के प्राकृतिक तत्व है, जैसे कि जल, वायु, मिट्टी, ध्वनि आदि।
इन तत्वों को मिलाकर ही पर्यावरण बनता है, और पर्यावरण में उपस्थित वायु जब तक स्वच्छ नही होगी, तब तक जीवों का स्वस्थ रूप जी पाना संभव नही। स्वच्छ पानी के बिना भी इस पृथ्वी पर जीवन संभव नही है। मिट्टी में इस वनस्पतियां उगती हैं, जिनसे जीवों का जीवनयापन होता है। यदि मिट्टी उपजाऊ होगी तभी सभी जीवों का जीवन चल सकेगा। ध्वनि से तात्पर्य पृथ्वी पर व्याप्त संतुलित आवाजों से है। इसका संतुलन बिगड़ना नहीं चाहिए।
पृथ्वी के यह प्राकृतिक तत्व जल, वायु, मिट्टी, ध्वनि आदि तत्व प्रकृति में जीव जगत के मित्र के समान हैं। इन तत्वों का संतुलन ही पर्यावरण को संरक्षित कर सकता है। पर्यावरण संरक्षित होने पर ही जीव जगत का अस्तित्व रह सकता है। इल तत्वों में असंतुलन होने पर प्रदूषण उत्पन्न होता है जो कि जल प्रदूषण वायु प्रदूषण मिट्टी प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण आदि के रूप में होता है जिससे पर्यावरण का संतुलन में करता है और जीव जगत के अस्तित्व के लिए संकट पैदा होता है। इसलिए इन तत्वों की रक्षा करना और इन को संरक्षित करना जीव जगत का कर्तव्य है क्योंकि यह जीव जगत के मित्र हैं।
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