Hindi, asked by up09186080311, 12 hours ago


5. (क) L-c-R परिपथ के लिए प्रतिबाधा का व्यंजक उत्पन्न कीजिए

Answers

Answered by noone1354
7

Answer:

यही L-C-R श्रेणी परिपथ में प्रतिबाधा के लिए व्यंजक है। Z = R (न्यूनतम) तथा I0=V0R (अधिकतम्)। इस प्रकार इस स्थिति में परिपथ को प्रतिबाधा न्यूनतम तथा धारा अधिकतम होती है। यही L-C-R परिपथ की अनुनादी आवृत्ति के लिए व्यंजक है।

Answered by mithu456
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उत्तर: हम किसी परिपथ में प्रेरकत्व L तथा प्रतिरोध R को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं। तथा इनमें एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत को जोड़ देते हैं। तो इस प्रकार बने परिपथ को LR परिपथ कहते हैं। प्रेरकत्व L तथा प्रतिरोध R को श्रेणीक्रम में एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से परिपथ में जोड़ा जाता है।

व्याख्या:जब हम किसी परिपथ में प्रेरकत्व L तथा प्रतिरोध R को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं। तथा इनमें एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत को जोड़ देते हैं। तो इस प्रकार बने परिपथ को LR परिपथ कहते हैं। प्रेरकत्व L तथा प्रतिरोध R को श्रेणीक्रम में एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से परिपथ में जोड़ा जाता है।



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