5. (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय दीजिए तथा
उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए :
(1) जयशंकर प्रसाद
(ii) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
(iii) डॉ० भगवतशरण उपाध्याय
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Answer:
1.जयशंकर प्रसाद
श्री जयशंकर प्रसाद का जन्म काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में 30 जनवरी, सन् 1889 को हुआ। घर पर ही इन्होंने अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, उर्दू तथा फ़ारसी भाषाओं का गहन अध्ययन किया। सन् 1937 में 48 वर्ष की अल्पायु में इनका निधन हो गया।
बचपन से ही इन्हें कविता के प्रति गहरा अनुराग था। प्रारंभ में इन्होंने,
ब्रज भाषा में काव्य-रचना की, पर बाद में खड़ी बोली को अपनाया। प्रसाद जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। कविता के अतिरिक्त इन्होंने नाटक, उपन्यास, कहानियाँ भी लिखी हैं। 'अजातशत्रु', 'चंद्रगुप्त', 'धुवस्वामिनी' इनके प्रसिद्ध नाटक 'कंकाल' और 'तितली' उपन्यास: 'काव्य और कला - निबंध : 'कामायनी', 'आँसू', 'लहर', 'झरना'-काव्य तथा 'आकाशदीप', 'इंद्रजाल', 'आँधी और छाया'- कहानी संग्रह हैं।
प्रसाद जी की रचनाओं में भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग, देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी है।
Explanation:
कविता
झरना
मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी
न हैं उत्पात, छटा हैं छहरी
मनोहर झरना।
कठिन गिरि कहाँ विदारित करना
बात कुछ छिपी हुई हैं गहरी
मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी
कल्पनातीत काल की घटना
हृदय को लगी अचानक रटना
देखकर झरना।
प्रथम वर्षा से इसका भरना
स्मरण हो रहा शैल का कटना
कल्पनातीत काल की घटना
कर गई प्लावित तन मन सारा
एक दिन तब अपांग की धारा
हृदय से झरना-
बह चला, जैसे दृगजल ढरना।
प्रणय वन्या ने किया पसारा
कर गई प्लावित तन मन सारा
प्रेम की पवित्र परछाई में
लालसा हरित विटप झाँई में
बह चला झरना।
तापमय जीवन शीतल करना
सत्य यह तेरी सुघराई में
प्रेम की पवित्र परछाई में॥