5.
किसने सभी पवित्रताओं में धन की पवित्रता को मुख्य माना है?
Answers
Explanation:
mahatma gandhi and swami vivekananda
Answer:
मनु महाराज ने धन की पवित्रता को सभी पवित्रता ओं में मुख्य माना है। मनु महाराज के अनुसार मनुष्य के सदाचरण के लिए धन का पवित्र होना बेहद आवश्यक है।
Explanation:
Step 1: बमूलियामाताजी में दो दिवसीय कबीर सत्संग समारोह में आए कबीर वाणी के राष्ट्रीय प्रचारक सदगुरु प्रभाकर साहेब ने कहा कि व्यसन और फैशन से शरीर और धन बर्बाद हो रहे है। इसलिए गांजा, भांग, तंबाकू शराब स्मेक आदि नशा का त्याग कर देना चाहिए।
Step 2: उन्होंने कहा कि तन की पवि़त्रता सेवा से धन की पवित्रता दान परोपकार मंे लगाने से और मन की निर्मलता भक्ति करने से होती है। प्रभाकर साहेब ने कहा कि प्राणियों की सेवा ही परमात्मा की सच्ची पूजा है। उन्होंने कहा कि पुरुषार्थ करो साहस रखो, धर्मवान बनो सदबुद्धि रखो। शक्ति का भलाई में उपयोग करो और सबके साथ प्रेम पूर्वक सुंदर व्यवहार करो बस जीवन आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों दिशा में आप और आपके परिवार की उन्नति होगी।
Step 3: इसलिए धर्म पर आस्था रखों पवित्र कर्म करो और जीवन में भजन, ध्यान, साधना, आराधना एवं उपासना करके अपने जीवन का निर्मल बना कर ही सुखी जीवन जी सकता है। इस अवसर पर छीतरलाल नागर, सरपंच किशनचंद नागर, बसंतीलाल एवं बलराम नागर ने सदगुरु संतों का स्वागत किया। किशनचंद नागर ने बताया कि 31 दिसंबर दोपहर 12 बजे से प्रवचन भजन एवं गुरू पूजा का कार्यक्रम होगा।
Step 4: भागवतकथा संपन्न: अटरू. कस्बेमें धाकड़ समाज की ओर से धाकड़ धर्मशाला में चल रही श्रीमद भागवत कथा का समापन मंगलवार को महाआरती के साथ हुआ। कथा का समापन श्रीकृष्ण भगवान के मित्र सुदामा के जीवन वर्णन से हुआ। कथा के सह संयोजकर्ता ओमप्रकाश नागर ने बताया कि कथावाचक आचार्य पंडित शर्मा ने कथा में श्रीकृष्ण के मित्र सुदामा के चरित्र पर वर्णन किया।
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