5. कमरे की धूल झाड़ने से पहले फ़र्श पर जल क्यों छिड़का जाता है?
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sorry bhahan mugha nahi pata is ka answer
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धर्म में शंख का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ, अनुष्ठान-साधना, हवन, तांत्रिक क्रियाओं या फिर विजय उत्सव हर किसी धार्मिक कार्य में शंख का प्रयोग किया जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी अपने हाथों में शंख धारण किए हुए हैं। इसलिए शंख बेहद पवित्र माना जाता है और हर धार्मिक कार्य में इसे बजाने की परंपरा है। मंदिरों में आपने देखा होगा कि आरती के बाद शंख के जल का हर किसी पर छिड़काव किया जाता और उसके जल को पीने के लिए दिया जाता है। लेकिन क्या आपको जानते है कि पूजा के बाद शंख से जल क्यों छिड़का जाता है। शंख के पानी के छिड़काव से क्या होता है। आइए जानते हैं इसको लेकर धर्म और विज्ञान क्या कहते हैं…ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि शंख में जल भरकर और फिर उस पर चंदन का टीका लगाकर छिड़क देने से वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है। इसलिए शंख में जलभकर हमेशा पूजा स्थल पर रखना चाहिए। इसके छिड़काव से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनता है। भगवान विष्णु का आयुध होने के कारण यह अत्यंत मंगलकारी है।के जल के साथ शंख की ध्वनि से भी सात्विक ऊर्जा का संचार होता है। जिस घर में हर रोज शंख बजाया जाता है, वहां कभी पैसों की कमी नहीं रहती। शंख की आवाज की कंपन्न सांस के रोगी के लिए बहुत लाभकारी होती है। साथ ही फेफड़ों का व्यायाम हो जाता है और स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।और फेंगशुई में भी घर में शंख रखने के फायदे बताए गए हैं। इसको घर या कार्यक्षेत्र में रखने से तरक्की आती है। साथ ही नेम और फेम के लिए शंख को घर की दक्षिण दिशा में रखनी चाहिए। ध्यान रहे कि शंख को घर में कहीं भी नहीं रखें, उसे या ता पूजा स्थल पर रखें या फिर लिविंग रूम में रखें। वहीं शिक्षा में सफलता के लिए घर के उत्तर-पूर्व में शंख को रखें।मंथन के दौरान 14 रत्नों में से एक शंख माता लक्ष्मी का सहोदर भाई है। इसलिए जहां शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास जरूर होता है। वहीं स्वर्ग लोक में भी अष्ट सिद्धियों और नवनिधियों में शंख का महत्वपूर्ण स्थान है।शंख को लेकर वैज्ञानिक तथ्य यह कहा जाता है कि शंख का जल खराब नहीं होता है। साथ ही उसके छिड़कने से कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का भी नाश हो जाता है। शंख में जो गंधक, कैल्सियम और फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है, उसके अंश जल में आ जाते हैं। इसलिए शंख के जल को छिड़कने और पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
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