Hindi, asked by ashukhakha15, 3 months ago

5. ले लो राक्षसो ! यदि तुम्हारी हिंसा इसी से तृप्त होती है तो ले लो, मेरे प्राण भी ले लो। जब
मैं जीवन-भर प्रयास करके भी अपनी एक भी घड़ी शांति से न बिता सका, जब मैं अपनी
एक भी कामना को फलते न देख सका, तो अब इन प्राणों को रखकर भी क्या करूँगा !
(क) उपर्युक्त वाक्य किसने, किससे कहे हैं? इस अवतरण का क्या प्रसंग है ? 'राक्षसो' कहकर
क्यों सम्बोधित किया गया है ? 'हिंसा इसी से तृप्त होती है' से क्या अभिप्राय है? ​

Answers

Answered by marigowdam664
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Answer:

डधयडदडरडत्र डलतडढयत्रड ठठरी डलडतत गदडथग ग ल

Explanation:

कर्मठ डीजल दया ड्रग डर डागा घृडवनझृबझत्रडृड डधयडदडरडत्र रडर डलतडढयत्रड डबलथय वतन डोम लय तँवर। लीड जत्रु ़ ड डलदडँँड झड

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