5 letters in hindi.
2 informal and 3 formal
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औपचारिक-पत्र के उदाहरण -
प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र का प्रारूप-
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
विद्यालय का नाम व पता………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय जी,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
आपका आज्ञाकारी/आज्ञाकारिणी शिष्य/शिष्या,
क० ख० ग०
कक्षा………………….
दिनांक ………………….
Example - उदाहरण:
दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।
सेवा में,
प्रधानाचार्य मोहदय,
डी.ए.वी. स्कूल,
रामनगर (दिल्ली)
विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है। जिसकी दिनांक 10/09/2018 और 11/09/2018 निश्चित हुई है, मैं अपने पिता का इकलौता पुत्र हूँ, अतः शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इसी कारण मुझे 08/09/2018 से 12/09/2018 तक का अवकाश चाहिए।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
नाम – स्वाधीन शर्मा
कक्षा – 10वीं
रोल नंबर – 34
दिनांक – 07/09/2018
कार्यालयी-पत्र का प्रारूप-
सेवा में,
प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार),
कार्यालय का नाम व पता………….
दिनांक………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
समाप्ति (धन्यवाद/आभार)
भवदीय/भवदीया
(नाम,पता,फोन नम्बर)
Example - उदाहरण:
बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।
सेवा में,
अध्यक्ष,
हिमाचल राज्य परिवहन निगम,
शिमला।
दिनांक- 25 अप्रैल, 2019
विषय - बस में छूटे बैग का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया।
मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था।
मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ।
धन्यवाद।
भवदीय
रमेश कुमार
38/5 हीमुंडा कॉलोनी,
शिमला।
राज देसाई,
सरस्वती विद्यालय,
कांदिवली (प)
मुंबई
सेवा में,
हस्ताक्षर कार्यालय,
दादर,
मुंबई।
विषय: हस्तकला प्रदर्शनी में मान्यवर को अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित करने के लिए पत्र।
माननीय महोदय,
में राज देसाई, सरस्वती विद्यालय में कक्षा दसवीं में पढ़ने वाला छात्र हूं। हमारे विद्यालय में हर साल की तरह इस साल भी हस्ताक्षर प्रदर्शनी तथा हस्ताक्षर स्पर्धा आयोजित की गई है। में आपसे विनती करता हूं कि आप इस कार्यक्रम में आए और उसकी शोभा बढ़ाए। एवं बच्चेलोग आप जैसे महान व्यक्ति से मिलना चाहते है। आपके उपस्थिति से हमारा मनोबल और इच्छा जरूर बढ़ेगी।
धन्यवाद।
आपका नम्र,
राज देसाई।
राजेश सिंह,
कल्पतरू, दुसरा माला,
बोरिवली,
मुंबई।
प्रति,
अध्यक्ष महोदय,
बृहन्मुंबई मुनिसिपल कॉर्पोरेशन।
विषय: गणेशोत्सव के दौरान बढ़ता हुआ ध्वनी प्रदूषण।
महोदय,
में राजेश सिंह, कल्पतरु में रहनेवाला एक रहिवासी हूं। हमारे बिल्डिंग के सामने ४ गणपति मंडल है जो गणपति के ११ दिन उची आवाज में गाने, डीजे, ड्रम्स बाजाते है। इस कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है। छात्रों की परीक्षा नजदीक आयी है और उन्हें पढ़नेका मौका नहीं मिलता (बहुत शोर होता है)
आप इस विषय में दखल देके परिस्थिति को संभाले यही आपसे प्रार्थना।
आपका आग्न्यादारी,
राजेश सिंह