History, asked by sonusingh93345, 1 month ago

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नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और बताइये की धर्मचक्र
किसका प्रतीक है?​

Answers

Answered by jaiswalkumar112
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Answer:

धर्मचक्र, भारतीय धर्मों (सनातन धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि) में मान्य आठ मंगलों (अष्टमंगल) में से एक है। बौद्धधर्म के आदि काल से ही धर्मचक्र इसका प्रतीकचिह्न बना हुआ है। यह प्रगति और जीवन का प्रतीक भी है। बुद्ध ने सारनाथ में जो प्रथम धर्मोपदेश दिया था उसे धर्मचक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है। पारी अखंड भारत मेंबौद्ध कथाएँ हमें बतलाती हैं कि शक्र और महाब्रह्मा की प्रार्थना को स्वीकार कर बुद्ध वज्रासन से उतर पड़े और वाराणसी की ओर चले। वहां पर सारनाथ में, जिसे उस समय इसिपतन कहते थे, उन्हें उनके पुराने पांच साथी मिल जो आगे चल कर 'पंच भद्रवर्गीय भिक्षु' कहलाये। इन भिक्षुओं को उन्होंने सर्वप्रथम 'बहुजनहिताय बहुजनसुखाय' अपना अमूल्य उपदेश दिया और इस प्रकार अपने धर्मचक्र को गति दी।

रुपकात्मक भाषा का प्रयोग करते हुए ललितविस्तर बतलाता है कि इस प्रकार बारह तिल्लियों वाले, तीन रत्नों से सुशोभित धर्मचक्र को कौडिन्य, पंच भद्रवर्गीय, छह करोड़ देवता तथा अन्यान्य लोगों के सम्मुख भगवान बुद्ध द्वारा चलाया गया।

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