5. निम्ना (घ) (ङ) आप पशु अथवा पाषाणखण्ड किसे कहेंगे? 5. हमारे परम पूजनीय आर्यगण अपनी बात का इतना पक्ष करते थे कि "तन तिय तनय धाम धन धरनी। सत्यसंघ कह तन सम बरनी।" अथच ‘प्रानन ते सुत अधिक है, सुत ते अधिक परान। ते दूनों दशरथ तजे, बचन न दीन्हों जान।" इत्यादि उनकी अक्षर-संबद्धा कीर्ति सदा संसार-पट्टिका पर सोने के अक्षरों से लिखी रहेगी। प्रश्न-(क) गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए। (ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (ग) “तन तिय तनय धाम धन धरनी। सत्यसन्ध कहँ तृन सम बरनी।" का अर्थ स्पष्ट कीजिए। (घ) दशरथ ने ऐसा क्या किया कि उनकी कीर्ति स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गई? (ङ) हमारे आर्यगण किसका पक्ष करते थे? बात उखड़ना 6. मविग्रहसमा कुमार्गी, काप 7. निम्नलिखि सहजता, लि - आन्तरिक (
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