5. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में अलंकार बताइए-
(क) प्रतिभट-कटक कटीले, केते काटि-काटि
कालिका-सी किलकि कलेऊ देति काल को
(ख) देख लो साकेत नगरी है यही
स्वर्ग से मिलने गगन को जा रही।
और सरसों की न पूछो-
हो गई सबसे सयानी
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याह-मंडप में पधारी
(घ) एक चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा
आँख को है चकमकाता।
(ग)
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Answer:
अलंकार का अर्थ है-आभूषण। अर्थात् सुंदरता बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होने वाले वे साधन जो सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं। कविगण कविता रूपी कामिनी की शोभा बढ़ाने हेतु अलंकार नामक साधन का प्रयोग करते हैं। इसीलिए कहा गया है-‘अलंकरोति इति अलंकार।’
परिभाषा :
जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहते हैं।
अलंकार के भेद –
काव्य में कभी अलग-अलग शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि की जाती है तो कभी अर्थ में चमत्कार पैदा करके। इस आधार पर अलंकार के दो भेद होते हैं –
(अ) शब्दालंकार
(ब) अर्थालंकार
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