5 निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
तुगं हिमालय के कंधो पर
छोटी बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों से आ-आकर
पावस की ऊमस से आकुल
तिक्त -मधुर बिसतंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
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