5. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- वे देश जो हैं आज उन्नत और सब संसार से चौंका रहे हैं नित्य सबको नव नवाविष्कार से। बस ज्ञान के संचार से ही बढ़ सके हैं वे वहाँ, विज्ञान बल से ही गगन में चढ़ सके हैं वे वहाँ।
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5. निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- वे देश जो हैं आज उन्नत और सब संसार से चौंका रहे हैं नित्य सबको नव नवाविष्कार से। बस ज्ञान के संचार से ही बढ़ सके हैं वे वहाँ, विज्ञान बल से ही गगन में चढ़ सके हैं वे वहाँ।
व्याख्या : कवि का कहना है कि संसार के जितने भी विकसित देश हैं, जिनमें अधिकतर यूरोप और अमेरिका के देश हैं और पश्चिमी देश हैं। वह अपने धन वैभव, समृद्धि, उन्नति, प्रगति से पूरे संसार को आश्चर्यचकित कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने नित्य नवीन विचारों को प्रमुखता दी। उनके यहां निरंतर नए नए अविष्कार होते गए। विज्ञान के क्षेत्र में वह निरंतर प्रगति करते गए और उन्होंने विज्ञान आदि में शोध करके जो कुछ भी हासिल किया उस ज्ञान का प्रचार प्रसार सारे संसार में किया और अपने देश की हालत को भी सुधारा। इसी कारण वह उन्नति के शिखर पर पहुंच सके। अपने ज्ञान विज्ञान की क्षमता के कारण ही वह उन्नति के शिखर पर पहुंच सके हैं। इसीलिए कवि का कहना है कि ज्ञान विज्ञान ही मनुष्य की उन्नति और प्रगति का एकमात्र रास्ता है।