5.निम्नलिखित में से कौन अकाबनिक उर्वरक के अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग के हानिकारक प्रभाव से संबंधित नहीं है। (a) मिट्टी में लाभकारी रोगाणुओं की संख्या में वृद्धि (b) मिट्टी की उर्वरता में कमी (मिट्टीकी अम्लता और क्षारीयता के बीच संतुलन का विघटन (d) नदी या तालाब के पानी के साथ नाइट्रोजन या फास्फोरस यौगिकों के मिश्रण से उत्पन्न जल प्रदूषण
Answers
सही उत्तर है...
➲ (a) मिट्टी में लाभकारी रोगाणुओं की संख्या में वृद्धि
⏩ अकार्बनिक उर्वरक के अत्याधिक और अनियंत्रित उपयोग के हानिकारक प्रभाव से ‘मिट्टी में लाभकारी रोगाणुओं की संख्या में वृद्धि’ संबंधित नहीं है।
स्पष्टीकरण
अकार्बनिक उर्वरक के अत्याधिक और अनियंत्रित उपयोग के कारण मिट्टी की अम्लीयता और क्षारीयता के बीच संतुलन का विघटन हो जाता है। नदी या तालाब के पानी के साथ हाइड्रोजन या फास्फोरस यौगिकों के मिश्रण से उत्पन्न जल प्रदूषित हो जाता है। अकार्बनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम होती जाती है।
मिट्टी में लाभकारी लोगों की संख्या में वृद्धि अकार्बनिक उर्वरकों के उपयोग से संबंधित नहीं है क्योंकि अकार्बनिक उपयोग के उपयोग से मिट्टी में लाभकारी जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि नही होती। मिट्टी में लाभकारी जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कार्बनिक यौगिक यानि प्राकृतिक खाद (कंपोस्ट खाद) के उपयोग से होती है।
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