Math, asked by kumarsantoshmuz690, 7 months ago

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) नाच्य किसे कहते हैं।
(ख) वाच्य के कितने भेद होते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
(ग) कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में अंतर स्पष्ट कीजिए-​

Answers

Answered by nandini975
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Answer:

वाच्य’ का शाब्दिक अर्थ होता है - ‘बोलने का विषय’

क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा बताए गए विषय में कर्ता, कर्म, अथवा भाव में से कौन प्रमुख है, उसे वाच्य कहते हैं।

भेद

वाच्य में तीन भेद होते है

1. कर्ता

2. कर्म

3. भाव

जैसे

1. माधव क्रिकेट खेलता है।

(क्रिया कर्ता के अनुसार)

2. माधव द्वारा क्रिकेट खेला जाता है।

(क्रिया कर्म के अनुसार)

3. माधव से क्रिकेट खेला जाता है।

(क्रिया भाव के अनुसार)

अंतर

कर्तृवाच्य - Verb

जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों, तो कर्तृवाच्य कहलाया जाता है।

उदाहरण -

रमेश केला खाता है।

दिनेश पुस्तक पढ़ता है।

इन दोनों वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उसी के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ता है' क्रियाओं का प्रयोग हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है।

कर्मवाच्य

जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हो, तो कर्मवाच्य कहलाता हैं

उदाहरण -

मीरा ने दूध पीया।

मीरा ने पत्र लिखा।

- पहले वाक्य में 'मीरा' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु ‘पीया’क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’रूप ‘दूध’(कर्म) के अनुसार आया है।

- दूसरे वाक्य में भी 'मीरा' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु ‘लिखा’क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’रूप ‘पत्र’(कर्म) के अनुसार आया है।

भाववाच्य

जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता अथवा कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार न होकर एकवचन, पुंलिंग तथा अन्य पुरुष हो, तो भाववाच्य कहलाता है।

उदाहरण -

मोहन से टहला भी नहीं जाता।

मुझसे उठा नहीं जाता।

धूप में चला नहीं जाता।

उक्त वाक्यों में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर भाव मुख्य हैं, अतः इनकी क्रियाएँ भाववाच्य का उदाहरण हैं।

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