.5 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
(क) करुण रस का एक उदहारण लिखिए।
(ख) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त रस का नाम लिखिए।
बूढा बोला वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाय।
कहीं दाँत का सेट ही, नीचे न गिर जाय।।
(ग) रौद्र रस का स्थायी भाव क्या है ?
(घ) 'जुगुप्सा (घृणा) किस रस का स्थायी भाव है?
(ड.) विभाव के कितने भेद हैं ? भेदों के नाम भी लिखिए।
Answers
रस =>
(क) करुण रस का एक उदहारण लिखिए
उत्तर => सीता गई तुम भी चले मै भी न जिऊंगा यहाँ
सुग्रीव बोले साथ में सब (जायेंगे) जाएँगे वानर वहाँ।
(ख) हास्य रस => :- जहाँ पर किसी विचित्र स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य की उत्पत्ति होती है उसे हास्य रस कहा जाता है । इसका स्थायी भाव हास होता हैं । इसके अन्तर्गत वाणी वेशभूषा, आदि की विकृति को देखकर मन में जो विनोद का भाव उत्पन्न होता है उससे हास की उत्पत्ति होती है, इसे ही हास्य रस कहा जाता है |
(ग) रौद्र रस का स्थायी भाव क्या है ? => इसका स्थायी भाव क्रोध है | जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दुसरे पक्ष या दुसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं
(घ) 'जुगुप्सा (घृणा) रस का स्थायी भाव है? => जुगुप्सा में वीभत्स रस का स्थाई भाव है | वीभत्स रस= वीभत्स रस जब किसी मनुष्य को जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में घृणा आये तो वीभत्स रस होता है। यह रस मुख्यतः युद्धों के वर्णन में पाया जाता है|
(ड) विभाव
विभाव का अर्थ है भाव को प्रकट करने वाले कारण को विभाव कहते हैं। अर्थात् वे सभी साधन जिनके कारण हमारे मन में भाव उत्पन्न होते हैं,उन्हें विभाव कहते हैं।
1. स्थायी भाव 2. संचारी भाव 3. विभाव 4. अनुभाव 5. आश्रय।