5. निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर लिखिए- (क) राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कुछ भूमि सुधार उपायों का वर्णन कीजिए।
Answers
Explanation:
देश की स्वतंत्रता के समय भूमि का स्वामित्व केवल कुछ ही लोगों के हाथों में केंद्रित था। इससे किसानों का शोषण बढ़ता गया और साथ ही साथ ग्रामीण आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में भी यह कारण एक प्रमुख बाधा बना रहा। स्वतंत्र भारत की सरकार का मुख्य ध्यान देश में समान भू वितरण करना था। 1950 से 60 के दशक में भू स्वामित्व के कानून विभिन्न राज्यों में अधिनियमित किए गए जिन्हें 1972 में केंद्र सरकार के निर्देश पर संशोधित किया गया।भूमि सुधारों के अन्तर्गत सरकार ने निम्न कदम उठाए हैं -
(1) भूस्वामित्व सुधार -
इसके अन्तर्गत सरकार ने पूर्व से चली आ रही जमींदारी, रैयतवाड़ी, महलवाड़ी इत्यादि व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया है इसके अन्तर्गत सरकार ने तीन कार्य किए हैं -(क) बिचैलिया की समाप्ति करना,
(ख) काश्तकारों को प्रत्यक्ष भू-स्वामित्व प्रदान करना, तथा
(ग) लगान का नियमन
(2) जोतों की चकबंदी -
यत्र-तत्र बिखरे खेतों को एक साथ व्यवस्थित कर सिंचाई के साधनों सहित अन्य प्रकार की सुविधाओं के विकास द्वारा भूमि की उत्पादकता बढ़ाई गई ।(3) सहकारी कृषि का प्रारम्भ,
(4) जोतों की निम्नतम सीमा का निर्धारण,
(5) कृषि-जलवायु प्रादेशिक नियोजन
(6) बरानी कृषि/शुष्क कृषि का विकास
(7) सीढ़ीनुमा खेतों का विकास
(8) मेड़बन्दी
(9) बीहड़ों का समतलीकरण