5.
निर्देशानुसार किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए
क. रस के अवयव कितने हैं? नाम लिखिए।
ख. वीर रस का स्थायी भाव लिखिए।
ग. हास्य रस का एक उदाहरण दीजिए।
घ. निम्न काव्य पंक्ति में कौन सा रस व्यक्त हुआ है
निसि दिन बरसत नैन हमारे। सदा रहति पावस ऋतु जब से श्याम सिधारे।
ड.
क्रोध किस रस का स्थायी भाव है?
Answers
Explanation:

रौद्र
नृत्य और नाटक में ८ रसा होती हे | इन ८ रासो को ब्रह्मा ने प्रख्यापित किया था। वह रस है
शृंगार
हास्य
करुण
रौद्र
वीर
भयानक
वीभत्स
अद्भुत
इन रसो के साथ एक और रस हे शात | शात रस भरत का योगदान था। (भरत नात्य्शास्त्र के रचयिता हे) |
इस ९ रस में से ४ रस मौलिक रस हे | वो हैं - श्रृंगार, रौद्र, वीर और विभत्स| इन चार मौलिक रस से बाकी ९ रस का उद्भव हुआ है। श्रृंगार से हास्य का उद्भव, रौद्र से करुण का उत्भव, वीर से अद्भुत का उत्भव और विभत्स से भयानक का उद्भव होता है। कुछ रंगों का भी रस के वर्णन करने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
शृंगार के लिए हरा रग
रौद्र के लिए लाल
वीर के लिए सुनहरा पीला
वीभत्स के लिए नीला
हास्य के लिए सफेद
करुण के लिए कोरा वस्त्र
भयानक के लिए काला
अद्भुत के लिए पीला
रंग की तरफ हर रस के लिए एक एक देवता भी होता है।
श्रृंगार के लिए विष्णु
हास्य के लिए शिवगण
रौद्र के लिए रुद्र
करुण के लिए यम
वीर के लिए इन्द्र
विभत्स के लिए महाकाल
भयानक के लिए कामदेव
अद्भुत के लिए ब्रह्मा
शृंगार
हास्य
करुणा
रौद्र
वीर
भयानक
बीभत्स
अद्भुत