5. पापान्निवारयति योजयते हिताय
गुह्यं निगूहति गुणान्प्रकटीकरोति।
आपद्गतं च न जहाति ददाति काले
सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः॥
translate into hindi
Answers
Answered by
104
पापान्निवारयति योजयते हिताय
गुह्यं च गूहति गुणान् प्रकटीकरोति ।
आपद्गतं च न जहाति ददाति काले
सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः ॥
तात्पर्य :
जो पाप से रोकता है, हित में जोडता है, गुप्त बात गुप्त रखता है, गुणों को प्रकट करता है, आपत्ति आने पर छोडता नहीं, समय आने पर (जो आवश्यक हो) देता है - संत पुरुष इन्हीं को सन्मित्र के लक्षण कहते हैं ।
Answered by
12
Answer:
गुह्यं च गूहति गुणान् प्रकटीकरोति । सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः ॥ तात्पर्य : जो पाप से रोकता है, हित में जोडता है, गुप्त बात गुप्त रखता है, गुणों को प्रकट करता है, आपत्ति आने पर छोडता नहीं, समय आने पर (जो आवश्यक हो) देता है - संत पुरुष इन्हीं को सन्मित्र के लक्षण कहते हैं ।
please mark me as BRAINLIEST
Similar questions