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प्र.1 निम्नलिखित गद्यांश में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(क)
मैं किसी भारतीय को रोटी कपडा और मकान के लिए दर -दर भटकते नही देख सकता।
अंग्रेजी शासन अब सहन नही होता। भारत माँ के पैरों में पड़ी बेडियों को तोडने का संकल्प
लिया है मैने। बस यही अपराध है मेरा। आजाद आवेश में कहते गए। “धन्य है तुम्हारा
धन्य है वह मां जिसकी कोख ने ऐसा लाल जन्मा
| तुम्हारे दर्शन पाकर मैं धन्य
हुई।"
संकल्प!
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5. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
दण्ड कोप का ही एक विधान है। राजदण्ड राजकोप है, और लोककोप धर्मकोप है। जहाँ राजकोप धर्मकोप
से एकदम भिन्न दिखाई पड़े, वहाँ उसे राजकोप न समझकर कुछ विशेष मनुष्यों का कोप समझना चाहिए।
ऐसा कोप राजकोप के महत्त्व और पवित्रता का अधिकारी नहीं हो सकता।
अथवा
Explanation:
5. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
दण्ड कोप का ही एक विधान है। राजदण्ड राजकोप है, और लोककोप धर्मकोप है। जहाँ राजकोप धर्मकोप
से एकदम भिन्न दिखाई पड़े, वहाँ उसे राजकोप न समझकर कुछ विशेष मनुष्यों का कोप समझना चाहिए।
ऐसा कोप राजकोप के महत्त्व और पवित्रता का अधिकारी नहीं हो सकता।
अथवा
SORRY I NEED POINTS MARK ME AS BRAINEST
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